Thursday, October 19, 2017

WHAT IS MORAL OF GEETA ?

Que:----Rajesh Singh on  Facebook at 3-40 am, on 
19-10-2017 

Ans:-  Rohtas

जय श्री कृष्णा जी
          जीव को चाहिये, नि:श्काम् कर्म करता हुआ, ध्यान योग द्वारा, अनन्य भग्ति कर, गुणातीत हो, परिमल प्रशन्न नारायण, प्रमेश्वर, की भली भान्ति खोज कर, समर्पित हो, उसकी शरण में जाना, जहां गये हुए पुरुष, "आत्मा" फिर लौट कर संसार में नहीं आते, और मोक्ष पद्ध को प्राप्त हो, परम आनन्दित हो, परम शान्ति को प्राप्त होते हैं। जो हमारा जीवन पाने का परम उद्धेश्य भी है।
विशेष:-
             लोर्ड श्री कृष्णा also explained in Geeta, 15/3 : । " उसी आदि पुरुष नारायण के मै शरण हूं।"
  


                                             Das Anudas Rohtas

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