* विश्व में हिन्दू धर्म का विशेष स्थान है *
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कृपया ध्यान दें:-
प्रिय: भारत देश एक दिव्य देश है, अध्यात्मिक, स्नात्निक व धार्मिक देश है देवी देवताओं का देश है। ऋषि, मुनियों, देश प्रेमी और परम भग्तजनों का देश है। इसमें कोई सन्देह नहीं यहां परम भग्ति रोम रोम में कण कण में व्याप्त हैं लेकिन इन बातो के इलावा अब हमें देश की एकता व अखंडता बनाये रखने की विशेष आवश्यकता है।
स्वार्थपन के कारणवश देश धर्म और जाती के नाम पर बंटता जा रहा है " विष्व में हिन्दू धर्म तो मजबूत हैं, पर उपरोक्त कारण से भविष्य में हिन्दुत्त्व कमजोर पड सकता है " हम सब बुद्धजिवियों, धर्म प्रेमियों व अध्यात्मिक शक्तियों को चहिये वह सब अपने स्वार्थ की भावना को त्याग कर देश की एकता व अखंडता की ओर ध्यान दें और इन सब जाती, धार्मिक और समप्रदायिक ताकतों को, एकता के एक सूत्र में पिरो कर एक सुन्दर माला का निर्माण करना चाहिये, जिससे हमारे देश की धार्मिकता और अथ्यात्मिकता में नई जाग्रिती आएगी एवं संस्कृति व मर्यादा की गरिमा को बनाए रखने में बल मिलेगा और जिससे देश की एकता और अखंडता को बल मिलेगा और हमारा प्रिय: भारत देश मजबूती की ओर अगर्सर होता हुआ फिर से सोने की चिडिया कहलाने का गोरव प्राप्त करेगा।
जय हिन्द जय भारत
दास अनुदास रोहतास
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कृपया ध्यान दें:-
प्रिय: भारत देश एक दिव्य देश है, अध्यात्मिक, स्नात्निक व धार्मिक देश है देवी देवताओं का देश है। ऋषि, मुनियों, देश प्रेमी और परम भग्तजनों का देश है। इसमें कोई सन्देह नहीं यहां परम भग्ति रोम रोम में कण कण में व्याप्त हैं लेकिन इन बातो के इलावा अब हमें देश की एकता व अखंडता बनाये रखने की विशेष आवश्यकता है।
स्वार्थपन के कारणवश देश धर्म और जाती के नाम पर बंटता जा रहा है " विष्व में हिन्दू धर्म तो मजबूत हैं, पर उपरोक्त कारण से भविष्य में हिन्दुत्त्व कमजोर पड सकता है " हम सब बुद्धजिवियों, धर्म प्रेमियों व अध्यात्मिक शक्तियों को चहिये वह सब अपने स्वार्थ की भावना को त्याग कर देश की एकता व अखंडता की ओर ध्यान दें और इन सब जाती, धार्मिक और समप्रदायिक ताकतों को, एकता के एक सूत्र में पिरो कर एक सुन्दर माला का निर्माण करना चाहिये, जिससे हमारे देश की धार्मिकता और अथ्यात्मिकता में नई जाग्रिती आएगी एवं संस्कृति व मर्यादा की गरिमा को बनाए रखने में बल मिलेगा और जिससे देश की एकता और अखंडता को बल मिलेगा और हमारा प्रिय: भारत देश मजबूती की ओर अगर्सर होता हुआ फिर से सोने की चिडिया कहलाने का गोरव प्राप्त करेगा।
जय हिन्द जय भारत
दास अनुदास रोहतास