Realized the Appearance of Divya Bal-Roop of Lord Shree Krishna during Meditation being Introvert at 12-15 am, on 29-01-2021.
Appearance of Lord Krishna
. Shree Radha Rani Ji
श्री राधा रानी जी
हमारे ऋषियों, मुनियों, महात्मनों ने जब से यह सुन्दर सृष्टि बनी, इन दिव्य शक्तिओं को गुप्त रखने के लिये, दिव्य पात्रों को दिव्य माला में पिरोने के लिये अपने श्रधासुमन रूपी आंशुओं से सींच सींच कर अपने भग्ति रूपी श्रधा भावों से सुन्दर ग्रंथों की रचना की है। हम भी मालिक कृपा होने से अपनी श्री राधा रानी जी के शुभचर्ण कमलों में शब्द रूपी श्रद्धा सुमन प्रवाह करने का प्रयास करते हैं :-
1 . राधा परम आत्मा है, परम के हृदय में वास है
2 . राधा आत्म तत्व है जिसका सबके हृदय मे वास है
3 . यह तो रसियों का रस है
4 . राधा तो दिव्य शक्ति है जो अदृष्य होती है
5 . राथा तो मंथन के बाद प्राप्त होने वाला वह अमृत है जो नसीबों वाले चखा करते हैं
6 . राधा तो घृत, मक्खन के समान है जो दूध में व्याप्त है
7 . राधा सभी प्रकृतिक तत्वों का दिव्य गुप्त रूप में चेतन्य पद् है "Gravity Power" तत्व है जो दिखाई नहीं देता।
8 . राधा सृष्टि में वह प्रकाश हैं जो तीनों लोकों को प्रकाशन्वित्त करता है।
9 . राधा प्रकृति के हर तत्व में दिव्य रूप से चेतन तत्व के रूप में विद्धमान वह दिव्य शक्ति है जो दिखाई नहीं देती पर सब में है जैसा कि बादल, बादल में पानी पानी में बिजली बिजली में शक्ति power ,
10 . राधा रानी परम श्रधा है जो सबके मनों मे वास करती है पावन पद भाव है
11 . श्री राधा भक्ति है, भग्वत्ता है ,भग्तों के हृद्यों का मूल तत्व है
12 . राधा परम आनन्द है, प्रेम है , मधुरता है, मधुर हैं
13 . राधा सोन्दर्य है, माधुरिय है, मथुरता है, मधुरमय है
14 . राधा शीलता है, सरलता है, प्रकृति की खुशभू है, करूणा है, रस है, प्राणियों का अस्तित्त्व है, यथार्थता है, ऐश्वर्य है, लज्जावान है, राग हैं अनुराग है, विभूतियां है, गन्दर्वों में प्रकाश है, विराटता, विशालता, महानता है, परा अपरा हैं, विद्धा है, मंगला है, कमला है, कल्याणी है, पतित पावन है, तारणी है, भग्वत्ता है। इस सुनदर पवित्र सृष्टि के प्राण हैं, क्या नही है राधा ?
15 . राधा तो भगवान श्री नारायण का परम अश्तित्तव है। श्री राधे तो अन्तर्त्तामा हैं, भगवान कहते मेरे पास तो राधा के बिना कुछ भी नहीं। मै तो क्या इस सृष्टि में भी राधे के बिना कुछ नजर नहीं आता। राधा तो * लक्ष्मी * है, राधा तो सम्पूर्ण सृष्टि की मालिकन हैं । दोनों सूर्य के समान हैं भगवान सूर्य हैं + राधे तेज के समान हैं अगर सूर्य में तेज न हो तो, हमें ऐसा नहीं सोचना है हमें तो बस जय श्री राधे राधे जी ही बोलना है जय श्री राधे राधे जी।
16 . राधा तो सृष्टि है
17 . राधा सृष्टि का मूलधार है
18 . श्री राधे भक्ति स्वरूप हैं, श्री भग्वति हैं, शक्ति हैं, दुर्गा हैं
19 . राधा प्राणों में प्राण है है
20 . राधा परिषदों उपरिषदों में
21 . ग्रंथों में है लेकिन राधा का नाम श्रीमद्धभागवत् में नहीं आता।
विशेष:---
श्री नारायण भगवान अधिपति हैं श्री राधे रानी, "नारायणी" लक्ष्मी जी हैं, इस पवित्र सृष्टि का आधार है परम दिव्य आदि शक्ति का दूसरा नाम ही राधा है। जो राधा नाम से जानी जाती है। " तत्व में दिव्यता " जो अदृष्य दिव्य रूपी शक्ति गुण है यही राधे है।
*श्री राधा रानी जी अदृष्य दिव्य चेतन तत्व स्वरूप है। *श्री कृष्णा जी अस्तित्त्वमय दिव्य परम आत्म तत्व स्वरूप हैं।
जय श्री राधे राधे जी
दास अनुदास रोहतास