भगवान का प्रकट होना
भगवान अपनी माया, महामाया अपनी दिव्य शक्तियों, और दिव्य गुणों को अधिष्टित करते हुए ( धारण करते हुए ) अपनी समस्त सत्ता को अपने वश में किये हुए, अपने अति सुन्दर, दिव्य, मायावी, मोहनी, साकार रूप, " मानुषं-रूपं " में इस अद्धभुत पवित्र धरा पर, इस अति सुन्दर सृष्टि में हम सब के बीच में प्रकट हो चुके हैं।
अध्यात्मिक सत्य्
दास अनुदास रोहतास
भगवान अपनी माया, महामाया अपनी दिव्य शक्तियों, और दिव्य गुणों को अधिष्टित करते हुए ( धारण करते हुए ) अपनी समस्त सत्ता को अपने वश में किये हुए, अपने अति सुन्दर, दिव्य, मायावी, मोहनी, साकार रूप, " मानुषं-रूपं " में इस अद्धभुत पवित्र धरा पर, इस अति सुन्दर सृष्टि में हम सब के बीच में प्रकट हो चुके हैं।
अध्यात्मिक सत्य्
दास अनुदास रोहतास