On reply Achityananad Swami Ji's
Question by Govind Jpsj Kotuwal :-------Untitled Noteअवतारी पुरूष आपको प्रणाम आपने ये अवतारी पुरुष क्यों लेखा है आपका नाम ही है या टाइटिल रखे है ये जान सकता हू ,या सच में आप अवतार ही है थोड़ा विस्तार कर दिजिए तो कृपा करके ! Facebook..23-8-17
सादर प्रणाम जी,
जैसा समय चल रहा है समय के अनुसार, आप ने ठीक पूछा । इतना हम आपको बतादें हमें कुछ महान आत्माओं ने प्रेरित किया,और याद दिलाना चाहा, कि आप एक अवतारी पुरुष हैं । हमें भी पहले यह अजीब सा लगा। बाद में जैसे जैसे दिव्य अनुभव होते गये, हमने समझा ठीक है लिख देते हैं। सो लिख दिया। अत: यह नाम व्यक्तिगत दिव्य अनुभव के आधार पर ही सम्बोधित करने के लिये लिखा गया जो वास्तविक हो सकता है। कोई टाइटिल या संसारिक दिव्य अनुभूतियों को धोका देने या उकसाने के लिये नहीं । आप हमारी निचे दी गई साईड पर जाएं और उन्हें दोहराने से, हमारे व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर अन्दाजा लगा सकते हैं, जो सत्य भी हो सकता है। संसार बहुत बडा है और हर युग में हर महापुरुष को चुनितियों का सामना करना पडा है उनमें से एक आत्म तत्व यह भी हो सकता है।
धन्यवाद् सहित
दास अनुदास रोहतास
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चाहो तो आप उपरोक्त् प्रश्न्नोत्तर को पूरे विश्व में Share भी कर सकते हो।
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