Friday, August 18, 2017

क्या विचारशून्य होना् सम्भव है ?

         क्या विचारशून्य होना सम्भव है ?
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प्रशन्न पूछें****ऊत्तर पाऐं****शंका समाधान***** Facebook
Que:----  Prakhar Kumar Ji. ***********

Answer by Rohtas:--*****In Brief *****

जय श्री राम जी,
                 श्रीमान जी, " हां ", क्षणमात्र के लिये, सम्भव है वो भी, परम स्नेही, लग्नेषू, जिज्ञाषू, योगी पुरुष और भगवान के अनन्य परम भग्त के लिये। यह अवस्था जीव के गुणातीत हो, स्थितप्रज्ञ होने पर ही सम्भव है। Stability is very complsory.
सावधान:----
                शून्य अवस्था में प्रभू कृपा अति आवश्यक है और लम्बे समय के शून्य में अनर्थ भी हो सकता है इस लिये ध्यान से, बहुत सुन्दर अवस्था है यहिं से जीव को दिव्यता का अनुभव और दिव्यानन्द होने की अनूभूतियां होने की कृपा का अवसर भगवान प्रदान करते हैं।
उपाय:---
              योगा, प्राणायाम शारीरिक अक्षर्शाईज और ध्यान का अभ्यास continuously, शून्य अवस्था तक क्रमश: करते रहना बहुत जरूरी हैं स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिये।
सुझाव:----
             परम स्नेही भग्तजन को शून्य अवस्था के साथ-साथ लगे हाथ काष्ट-सिद्धी योग और अमृत-रसपान कर लेना चाहिये, क्योंकि इन तीनों योग कृयाओं का आपस में घहरा सम्बन्ध है और साथ-साथ ही हो जाती हैं और प्रभू कृपा होने पर जीव को दिव्य आनन्द और दिव्यता प्राप्त हो जाती है।
 समाधान:-----
              जब परम स्नेही भग्तजन अनन्य भग्ति करता हुआ, योग सिद्धी कृयाओं की, इन तीनों अवस्थाओं को अनुभव कर, प्रभू कृपा द्वारा दिव्यता को प्राप्त कर लेता है, तो विवेक की प्राप्ती हो जाती है जिससे धीरे धीरे शभि दिव्य अनुभूतियां को अनुभव कर, तुरिया शक्ति द्वारा बेतर्णी को पार करता हुआ, परम लक्ष की प्राप्ती कर, सभी अध्यात्मिक जगत की शंकाओं का समधान करता हुआ, प्रभू जी से योग होने पर, परम शान्ती को पा परम धामको प्राप्त कर आनन्दित होता हुआ, अंत में मोक्ष को प्राप्त कर लेता है जो जीवन का मुख्य उद्देश्य है।

       * Yet its the Matter of Self Realization *

                  * प्रभू हम सब पर कृपा बनाय रखे। *

                                                  दास अनुदास रोहतास

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