भगवान की दिव्य बालरूप के दर्शन
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प्रिया भारत देश सदियों से ऋषियों मुनियों महापुरुषों व दिव्य पुरुषों का देश रहा है। इतिहास ग्वाह है हर योगी पुरुष, दिव्य पुरुष, तथा अवतारी पुरुषों ने अपने दिव्य चर्णस्पर्शों के पवित्र दिव्य निशान इस पवित्र दिव्य देव भूमी पर छोडे। आज भी वर्तमान युग में यहां दिव्य पुरषों की कमी नहीं है। हर युग में भगवान यहां अवतार धारण करतें हैं और अपने भत्तों परकृपा कर अपनी दिव्य लीला अवलोकन कराने का अवसर प्रदान करते हैं। स्वेरे २-६-१६, ४-३० ए.म. पर सुन्दर ध्यान, internal divine universe में भगवान के तीनों रूपों के दर्शन हुए, 1. Nirakara के रूप में दिव्य दर्शन, 2. बाल रूप के दर्शन, 3. पूर्ण रूप के दिव्य दर्शन, जो निम्न चित्र दू्ारा दर्शाये गये हैं।
विशेष:-
2. भगवान के बालरूप के दर्शन हमें बहुत सुंदर रूप में हुए। भगवान एक महिने की अवस्था में अपने बैड पर लेटे हुए, मस्कराते हुए, अपने दोनों पैरों व दोनों हाथों को हिलाते हुए, हंसते हुए खेल रहे हैं अपनी मंद-मंद मुस्कान से हमारा मन मोह रहे हैं बहुत सुन्दर दर्शन, मानो हम internal divine universe रूपी T.V. की screen पर अन्तर्मुखी होते हुए, मन की आंखों से कोई दिव्य Movie देख रहे हों, बहुत आनन्द प्राप्त हुआ और मन को विशेष शान्ती की अनुभूती हुई। प्रभू चर्णों में बार बार प्रणाम।
अध्यात्मिक सच्चाई
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प्रिया भारत देश सदियों से ऋषियों मुनियों महापुरुषों व दिव्य पुरुषों का देश रहा है। इतिहास ग्वाह है हर योगी पुरुष, दिव्य पुरुष, तथा अवतारी पुरुषों ने अपने दिव्य चर्णस्पर्शों के पवित्र दिव्य निशान इस पवित्र दिव्य देव भूमी पर छोडे। आज भी वर्तमान युग में यहां दिव्य पुरषों की कमी नहीं है। हर युग में भगवान यहां अवतार धारण करतें हैं और अपने भत्तों परकृपा कर अपनी दिव्य लीला अवलोकन कराने का अवसर प्रदान करते हैं। स्वेरे २-६-१६, ४-३० ए.म. पर सुन्दर ध्यान, internal divine universe में भगवान के तीनों रूपों के दर्शन हुए, 1. Nirakara के रूप में दिव्य दर्शन, 2. बाल रूप के दर्शन, 3. पूर्ण रूप के दिव्य दर्शन, जो निम्न चित्र दू्ारा दर्शाये गये हैं।
विशेष:-
2. भगवान के बालरूप के दर्शन हमें बहुत सुंदर रूप में हुए। भगवान एक महिने की अवस्था में अपने बैड पर लेटे हुए, मस्कराते हुए, अपने दोनों पैरों व दोनों हाथों को हिलाते हुए, हंसते हुए खेल रहे हैं अपनी मंद-मंद मुस्कान से हमारा मन मोह रहे हैं बहुत सुन्दर दर्शन, मानो हम internal divine universe रूपी T.V. की screen पर अन्तर्मुखी होते हुए, मन की आंखों से कोई दिव्य Movie देख रहे हों, बहुत आनन्द प्राप्त हुआ और मन को विशेष शान्ती की अनुभूती हुई। प्रभू चर्णों में बार बार प्रणाम।
अध्यात्मिक सच्चाई
दास अनुदास रोहतास
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