Tuesday, February 27, 2024

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                           सादर प्रणाम् जी

  We should Surrendere to God ourselves                in the honour of Humanity


Chaitanyamaya Lord Ishwer's Avatar Rohtas meaning:---

Chaitan+Maya+Lord Ishwer+Avatar Rohtas

                          🌼 प्रार्थना 🌼



🌼 Let us Prey To God 🌼

          Respected true devotees of God, please come all together in this holy ruhani discussion and let us pray to god, through a sweet song

🌸 Prayer to God 🌸


* Existence of God *

भगवान कहां है, कैसे हैं भगवान, क्या भगवान हैं ? 

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        हम पहले ही इस विषय पर काफी discuss कर चुके हैं कि सृष्टि पुरुष+प्रकृति के मेल से बनी है। जहां तक प्रशन्न उठता है भगवान कहां रहते हैं इस विषय पर आप सबके साथ मिलकर इस विषय पर प्रकास डालने का प्रयास कर लेते हैं

" यहां पर रूहानी discussion हो रहा है। अनुभव की पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं वह पुसतकों और विश्वविद्यालयों में नहीं मिलते '

       भगवान तो नित्य प्राप्त हैं and is the matter of self realization. यह हमें अच्छी तरह से समझ लेना होगा, फिर ही हम अपने ध्येय विषय की ओर आगे बढ सकते हैं।  प्रकृति के पांच तत्व आकास, जल, वायु,  अग्नि, पृथ्वि और इनसे उत्त्पन्न गुण, काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, मन, बुद्धि, और ज्ञान। इनसे भी परेह जो इनके स्वभाविक गुण सुक्ष्म व दिव्य सम्भावित एहसास  जैसा कि स्पर्ष, सुगन्ध, आनन्द, टेस्ट, सुनना, दिखना, भाव आदि। इन सबसे स्वतन्त्र होते हुए, Without any Attachment of mind अर्थात् मन से भी परेह जो " शेष " बचता है ऐसे में एक अणु, Atom के समान जो हमारे शरीर के एक बाल की नोक के 1000 वे गुणा से भी बारीक हिस्से के समान, जो केवल मन की दिव्य नेत्रों द्वारा ही अनुभव हो सकता है। after being Introverted we can realized Supreme Divine Atom into our Bhircuti's center point of Divine-Power-Viveka  "Chatten-Tatav"  by deep meditation being consciousness and Stablity of mind इन सबसे परेह जो परम तत्व, आत्म तत्व, अणु जो एक Brillient diamond की बारीक कण की तरह Just like a Brilliant Star in I.D.U. चमकने वाला दिव्य परम तत्व अनुभव में आता है। यही हमारे भगवान हो सकते हैं Divinity केवल इनके पास है। यह अमर हैं अजर हैं immortal हैं और क्षण भंगुर हैं यह हमारे भगवान हैं। भगवान हैं तो हम हैं, यह संसार है, यह सुन्दर सृष्टि है। भगवान हमारा अश्तित्व है। हमारे मूल आधार हैं। We should believe and surround to God himself and love to God   
   


                                                  
                        दास अनुदास रोहतास

                                              

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