"अद् वैत्त्तम अच्युत्त्तम अनादिम् अनंत-रूपं " ब्रह्मं संहिता --5.33...
यद्धपि तात्विकता से भगवान के अनेक रूप हैं फिर भी वो एक ही परम व्यक्तित्व हैं, भगवान की नियम बद्ध रचना है जो क्रमश: दिव्यत्ता से एक सूत्र, परम सूत्र में पिरोये होने पर " एक ही परम व्यक्तित्व हैं " ध्यान रहे:-- 🌿 भगवान के कारण शरीर का कृपा पात्र, सूक्ष्म शरीर से मुमुक्षु होता है जो स्वाधिष्टान चक्र में विराजमान होता है और मुमुक्षु का कृपा पात्र अनन्य परम भग्त का गुणातीतमय सूक्ष्म शरीर होता है । 🌿
दास अनुदास चैतन्यमय आदि ईश्वर अवतार रोहतास
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* Alien *
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The alien is divinely manifested in the transcendental emotional divine body of the Mumukshu incarnation located in the Svadhisthana-chakra of the Incarnate Purusha, which can be felt during meditation in the inner divine universe.
Appeared during meditation in I D U
at 2-30 am on 31-7-24
Question is:- क्या किसी ने ऐलियन को देखा?
में एलियन, दिव्य रूप से प्रकट होता है, जिसे अपने आंतरिक दिव्य ब्रह्मांड में ध्यान के दौरान महसूस किया जा सकता
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