* आदरणीय परम स्नेही भग्त जनों
अध्यात्तम में आप का स्वागत है *
* हार्दिक प्रणाम जी *
अध्यात्तम में आपका स्वागत है
1 उपरोक्त इमेज में सूर्य के समान तेजस्वी, दिव्य पुन्य: आत्माओं की माला दिखाई गयी हैं जो अब हम ५-७-२० से निरन्तर साक्षात भोतिक आंखों से अवलोकन करते आ रहे हैं और अब इस दिव्य माला को in I. D. U. में भी बहुत सुुन्दर चमकते हुए अनुभव किया है। जो सृष्टि में आन्तरिक और बाह्य दोनो अवस्थाओं में अनुभव हो रही है और कुछ बडती भी नजर आ रही है।
* सभी पिरोऐ सोभते इसमें सुन्दर लोक *
2 में यहां परम पिता प्रमात्मा श्री अधिष्ठान जी महाराज परम आत्मा के रूप मे साक्षात दर्शन दे रहें है जो आग के शोले के रूप में सुर्ख लाल रंग मे धद्कते नजर आ रहे हैं, जो हमे अपने सामने दीवार पर हमारी भृकुटि से बाहर प्रकट हो, दर्शन देने की कृपा कर रहे हैं
3 में स्वेरे से मालिक हमे दर्शन देने का प्रयास कर रहे हैं जो साएं ७-१५ pm पर श्री अधिष्टान जी महाराज के रूप मे हमें शाक्षात दर्शन पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जो मालिक की एक परम भग्त पर विशेष कृपा होती है
दास अनुदास रोहतास
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* Lord Shiva Leela *
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श्री मान जी नमस्ते,
कृपया पहले इस अध्यात्मिक भग्वत्त ज्ञान चर्चा से भरपूर विडियो को समझें और फिर मालिक कृपा होने पर प्रभू प्रेरणा से, हमारे द्वारा दर्शाये गये व्यक्तिगत दिव्य अनुभवों पर भी एक नजर डालने की कृपा करें।
व्यक्तिगत अध्यात्मिक अनुभवों के आधार पर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों सत्तयुग, दवापर, त्रेता व कल युग सभी युगों का मिला जुला "संगम युग" चल रहा है। क्योंकि हर युगों की अध्यात्मिक दिव्य अनुभूतियां वर्तमान में यहां अनुभव करने को मिल रही हैं।
धन्यवाद सहित ।
दास अनुदास रोहतास
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