Om Namo Narayana
*******
Param Kripa परम कृपा
आज दिन बुधवार पुर्णिमा 8-4-2020 समय 2-00am से मालिक की विशेष कृपा ध्यान अवस्था में अनुभव करने को मिली। वैसे तो 7-4-20 को ही रात्री में जब हम सोने के लिये लेटे हुए थे तब से ही मनमुग्द्ध हो रहा था और मन यह कह रहा था कि ऐसा प्रतीत हो रहा है आज मालिक की विशेष कृपा होने वाली है।
" जदों मन चंगा कठौती विच गंगा "
" जदों मन चंगा कठौती विच गंगा "
सो अज मन चंगा सी । सवेरे 1-30 पर उठ गये और हाथ-मुंह धोकर पानी पीकर ध्यान अवस्था में आराम से सिद्ध आसन पर बैठ गये। Right 2-00am पर कृपा हुई बहुत आनन्द - परमानन्द का अनुभव हुआ।
1. सबसे पहले आज आसमान बिल्कुल साफ और पूर्ण Starry Night. हमने अन्तर्मुखी होते हुए इस सुन्दर starry night का आनन्द लिया मानो जैसे हम बाहर ऊपर छत पर खुले आसमान को रात्री में starry night का आनन्द ले रहें हों।
N
S
2 . अब हम west - north दिशा में North की ओर किसी planet को जो एक बहुत बडे आकार में सूर्य की तरह सफेद रंग का प्रकाश फैलाता हुआ चमक रहा है ध्यान में in I.D.U. अवलोकन कर रहें हैं
3. अब पश्चिम दिशा मे थोडा निचे को Brown रंग में चमकता कोई उपग्रह देख रहे हैं।
4. और अब जो यह brown ग्रह इसके पीछे से कोई उपग्रह west की ओर जाता हुआ अनुभव कर रहे हैं।
5. जैसा कि अक्सर हम अनुभव करते आ रहे हैं कुछ उल्का पिंड हल्के रंग में टूटते हुए इधर उधर दिखाई दे रही हैं और एक तेज सपार्किंग भी अनुभव हुई।
6. * अब कुछ दिव्य जंगली जीवों के दर्शन भी करने को मिल रहे हैं। लगता है शायद इन्हे भी इस महामारी का अंदेशा हुआ है जो हमें अवगत कराने के लिये अपने दिव्य सुक्षम शरीर से यहां आय हों, क्योंकि इन जीवों के पास दिव्य नेत्र होते हैं जो बहुत गहराई तक अपने अनदर झांकने की क्षमता रखते हैं *
! जिनमें सबसे पहले बबर शेर आया ओर हमारी ओर सूंघ कर दांई ओर पूर्व में चला गया।
!! फिर एक दिव्य बाराह जिसका सूंड कुछ लम्बा था आ कर हमें सूंघ कर अपने होठों से touch कर दांई ओर चला गया।
!!! और अब एक बहुत बडा मगर मच्छ जिसका जबाडा बहुत बडा फटा हुआ था जिसे वह हमारी ओर पूरा फाड कर खोल कर दिखा रहा था शायद हमें डरसन के लिये, जो काफी देर तक ऐसे ही खडा रहा और अंत मे वह भी हमारी दांई ओर को चला गया।
!!!! यह बहुत बडी whale fish है यह भी ध्यान में पहुंची और फिर यह भी सबकी तरह दाईं ओर चली गयी । इन सबके पास स्वामित्व है और यह भी हमें अपना आशिर्वाद देने आई है।
!!!! यह बहुत बडी whale fish है यह भी ध्यान में पहुंची और फिर यह भी सबकी तरह दाईं ओर चली गयी । इन सबके पास स्वामित्व है और यह भी हमें अपना आशिर्वाद देने आई है।
7. अब हम परम पिता प्रमात्मा श्री नारायण भगवान के बहुत सुन्दर, दिव्य, मनोहारी, परम धाम, नारायणी लोक के दर्शन कर रहे है, जहां परम शक्ति के रूप में परम पिता प्रमेश्वर सर्वशक्ति मान अपनी दिव्य निराकार शक्ति सहित सूर्य के समान सूर्य से भी हजारों गुणा तेजस्वी शक्ति जो चक्र के रूप मे "अधिस्थान भगवान" जो कुम्हार के चाक के समान चक्रित हो रही है को अवलोकन कर रहे हैं ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो परम लोक नारायण धाम, सत्तलोक समेत ही परम पिता परमात्मा यह अति सुन्दर दर्शन जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकते आज हमारी इस भृकुटि के मध्य इस दिव्य आन्तरिक ब्रह्मांड मे अपने परम भग्त, परम लग्नेषू, परम जिज्ञासू को प्रकट हो, दर्शन दे कृतार्थ करने हेतू प्रकट हुए हैं, मालिक बडे दयानिधान् बडे दयालू हैं । हे मालिक ऐसी कृपा अपने सभी परम भग्तों पर हमेसा बनाए रखे।
* Narayana Lok *
* Narayana Lok *
8. अब ध्यान लेट कर है बहुत साफ सुन्दर ध्यान है मानो बहां दिन के 11-00 am बजे हों, हमें ऐसा लग रहा है हम Saudi Arab Emirate के brown रंग के रेतीले, मरुस्थलीय इलाके में टहल रहे हैं ऐसा प्रतीत हो रहा है वहां सफेद dress में वहां के कुछ आदमी social distance बना कर घूम रहे हों, बहुत साफ है यह दृष्य। प्रभू हम सब पर अपनी कृपा बनाये रखें।
Special:- उपरोक्त सब लेख ध्यानावस्था में अनभुव के आधार पर लिखा गया है। आजकल यह लगातार ध्यान, हम मानवता से घनिष्ट प्रेम होने के नाते, क्योकि हम भी एक समाजिक प्राणी हैं, समाज में रहते हुए समाज के ऊपर आई इस corona virus के रूप में प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए लगाते हैं। वैसे तो changing is the law of nature फिर भी विष्व के scientists के अनुसार भी कुछ astroid के बारे में निकट भविष्य में चेतावनी देने पर अन्तर्मुखी होते हुए कुछ विशेष ध्यान लगा लेते हैं और ध्यान में जो हमें अध्यात्मिक अनुभव के आधार पर दिव्य ब्रह्मांड में अनुभव होता है उसे हम दर्शाने का प्रयास भी करते रहते है । अगर इसमें लिखने में कोई त्रूटी या गलती हो जाती है तो कृपया माफ करना।
Spiritual Truth
Om Shanti
Divine Suksham's Sarires
* Lively life free Rohtas *
आदर्णिय परम स्नेही भग्त जन सादर् प्रणाम,
उपरोक्त ध्यान अवस्था का अनुभव सत्य है जो हमें लेटे हुए दो तीन बार 10 minutes के अन्तराल में अनुभव हुआ । इतना ही नही अन्तर्मुखी होते हुए, यह दिव्य जीवात्माऐं सुक्षम शरीर जो आन्तरिक दिव्य Universe में हमारी भृकुटि की सक्रीन पर विडियो रील के दृश्यों की भांती जो पश्चिम से पूर्व दिशा में यानी हमारे I.D.U में बाईं ओर से दाईं ओर आराम से धीरे धीरे धीमी गती से चलती हुई hello & bye- bye करते हुए अनुभव हुआ जो उपरोक्त image में दर्शाया गया है । हमारी भगवान से प्रार्थना है कृपया, पूर्ण विश्व में हम सब पर अपनी कृपा बनाये रखना।
अध्यात्मिक सच्चाई
दास अनुदास रोहतास
No comments:
Post a Comment