Friday, June 16, 2017

" अन्तर्मुखी होते हुए दिव्य ब्रह्मांड में दिव्य लीला दर्शन "


       * ध्यान में अन्तर्मुखी होते हुए, दिव्य ब्रह्मांड में दिव्य लीला दर्शन *


   सादर प्रणाम

  " परम कृपा और व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर दिव्य लीला दर्शन "

   आदर्णिय परम स्नेही भग्तजन,

                  आप जो ऊपर दिये गये दिव्य चित्र में जो दिव्य लीला अवलोकन कर रहे हैं यह सत्य है और अद्धभुत दिव्य कृपा है जो किसी कारणवश प्रभू जी अपनी विशेष दिव्य कृपा हम पर वर्तमान युग कलयुग में, हमारे बचपन से हम  पर निछावर करते आ रहे हैं हम इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते, यह तो बस हमारे प्रभू ही जानते हैं। हम तो बस इतना जानते हैं हमे यह दिव्य अद्धभुत Space लीला 13-6-17 को 8-50 am पर ध्यान में अंतर्मुख होते हुए दिव्य ब्रह्मंड में पराविद्ध्या-कृपा के रहते, अनुभव हुआ है। इसमें कुछ विषेश अनुभव Internal Divine Univrrse में दर्शाया गया है जो निम्नलिखित है

१. दिव्य सूर्य देवता पीले रंग मे ऊपर नीचे Motion करते अनुभव हुए। पहले धीरे धीरे नीचे को move किया और फिर अपनी जगह पर पहुंच कर उतना ही ऊपर को move किया और फिर अपनी जगह पर स्थिर हो गये। 
विशेष:-
         यहां पर एक बात विचार करने योग्य है भोतिक संसार का सूर्य अपने अंक्षाश पर स्थिर है और सूर्य center point of the powers है, सारे ग्रह उपग्रह इसके चारों ओर चक्कर लगाते हैं लेकिन यहां दिव्य ब्रह्माण्ड में सूर्य भी कुछ समय के लियर अस्थिर होते नजर आये हैं और गर्म की बजाय शीतल उर्जा प्रदान करते हैं या फिर internal divine universe का कोई अन्य ग्रह हो सकता है जो अवलोकन करने पर बहुत प्रिय: और सुन्दर लग रहे थे ।
      
२ इसमे एक Dots से बना रिंग नजर आ रहा है ये stars हो सकते हैं या उपग्रहों से बना रिंग हो सकता है

३ ये जो रिंग हैं इनका सफेद रंग का peaceful प्रकाश सारे दिव्य ब्रह्मंड को रोषान्वित कर रहा है। विशेष यहां दिव्य ब्रह्माण्ड सूर्य की बजाय यह जो रिंग है उनके सफेद प्रकाश से रोशान्विंत हो रहा है यह सफेद रंग का प्रकाश ऊपर की ओर से नीचे की ओर अपनी छंटा बिखेरता हुआ, इतना गहरा गूढा है कि कुछ समय के लिये ( चंद मिन्टों के लिये ) सब कुछ लुप्त हो जाता है और प्रकाश के सिवाय कुछ भी दिखाई नहीं देता। धीरे धीरे प्रकाश नीचे की ओर जाकर साफ हो जाता है और सब कुछ पहले वाली अपनी वास्तविक अवस्था में आ जाते हैं

४ कहने का तात्प्रिय यह है We realized during meditation very motional divine activities in inner divine universe , अर्थात दिव्य ब्रह्मंड में कई वर्षों से दिव्य हलचल, जो हम ध्यान की अवस्था में जो प्रभू कृपा होने पर ही अनुभव कर पाते हैं अवलोकन करने को मिल रही है जिसे हम अनाप- सुनाप में आजतक, आप तक पहुंचाने का प्रयाष करते आये हैं। लिखने में कोई गलती हो माफ कर देना आप की अति कृपा होगी ।

5 आज७, at 11-30 am पर जो ध्यान मे internal divine universe, सूर्य की तरह पीले रंग मे ग्रह दिखाई देता है, वह जुगनू की तरह टिमटमाता हुआ नजर आ रहा है



Observation during meditation at 1-12 am, on 22-6-17 giving below in image.


We are observing a divine Hole in meditation under Stars Loks at 9-40 am on 26-6-17 in this image giving below.


                   We Realized Cosmetic Vertical Waves many time in many Shapes also with open Eyes in our Bedroom divinely.


Turiya Yoga Darshana in Meditation, both are in running positio
1 Nar- Munds
           2 water level of Sea
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Realization during meditation in internal divine universe
These may be planets




 अध्यात्मिक सच्चाई
                                                             दास अनुदास रोहतास

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