Devi Luxmi Ji appeared in Her Divine Form realized by Rohtas at 2-30 am on 24-6-25 during meditation in IDU divinely
💐 Churning of the Ocean 💐
Devi Luxmi Ji appeared in Her Divine Form realized by Rohtas at 2-30 am on 24-6-25 during meditation in IDU divinely
💐 Churning of the Ocean 💐
. 🙏 मधुर मिलन 🙏
On the Base of Self-Realization,
" Atma's - Activation "
🌼 Search Of Truth By Rohtas 🌼
🙏
* Supreme Tatav Yog by Rohtas *
. * Autobiography *
&
Search of Truth by Avtari Purush Rohtas
* Jai Shree Radhe Radhe Ji *
Autobiography & Search of Truth
' आत्मकथा व सत्य की खोज ' में स्वयं के जीवन का आत्म-बोध, जो आत्म तत्व हमें नित्य प्राप्त है का दिव्य आत्मिक ज्ञान व अनुभव जो rohtas द्वारा भगवान से प्रेरणा पाकर इस दिव्य सुन्दर बुक में दर्शाया गया है! वह दिव्य, अलौकिक अनुभवी प्रभु प्रेरणा-दायक परा-ज्ञान आप सब परम स्नेही भग्त जनों के साथ साझा करना चाहता हूं जो अब आप सबके बीच में है। जो इस पुस्तक में बहुत सुन्दर ढंग से चार भागों में कर्मष: वर्णित है, जो बहुत सुन्दर अद्धभुत मनोहारी चित्र बना कर, very beautifully, colourfully, video - graphycally और thearically बडे सुनदर ढंग से दर्शाया गया है आप Net पर"Avtari Purush. pdf " पेज पर जायं। और फिर अध्यात्मिक दिव्य ज्ञान प्राप्त कर, अपने जीवन में "अध्यात्मिक दिव्य परा अनुभूतियाँ" को अनुभव में ला कर अपने जीवन को सफल बनायें जिससे आपको जीवन में सत्य की अनुभूति होगी और आपको परम आनन्द की प्राप्ति होगी।
All these articales on
Spirityuality and Religiousity,
Divinely and Taatavikly,
Physically and Scientifically,
are free in honour of humanity and
Prosperity of Nation by Rohtas
🌼 Supreme Tattav Yog by Rohtas 🌼
सर्वश्रेष्ठ योग दर्शन
दास अनुदास रोहतास
🌼🌾🌿 ॐ नमो भगवते श्री वासुदेवाय: 🌿🌾🌼
Avtari Purush Rohtas
During meditation Divine Mysterious Ring realized in internal divine Space at 2-30 am on 12-02-2025
No.1:--
It may be Divine Mysterious Ring.
No.2:--
It May be Divine mysterious Ring & then there appeared new Galaxy and is blasted
😭
. * सत्य सनातन धर्म की जय *
Spiritually:---
घट मंदिर तू अन्दर मेरे, देव लखूं मै दर्शन तेरे
🌼 मंदिर 🌼
म+न+इ+द+र.
म = मन.
न = नहीं
इ = इन......अन्दर
द = दर......धारण
र = राम.....ईश्वर
हिन्दूत्त्व के अनुसार मंदिर शब्द का अध्यात्मिक अनुवाद है मन से प्राकृतिक गुणमय दोष और इनके स्वभाविक गुणों से विकार मुक्त हो गुणातीत हो ' राम ' रूपी पवित्र आत्म तत्व को धारण करना।
मन का राम-मय हो जाना
Physically:---
भू-भाग पर स्थित किसी रूम के दर के अन्दर जो दिव्य शक्ति परम तत्व के रूप में स्थित है वह परम ईश्वर का घर है, आस्था का प्रतीक है, आदि शक्ति परम तत्व का स्थान है, अच्छे अध्यात्मिक संस्कारों को पाने का, परम शान्ति पाने का और परम दिव्य आनन्द की प्राप्ति का शुभ स्थान, पवित्र स्थल मन्दिर ही तो है।
दास अनुदास रोहतास
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* महाकुम्भ प्रयागराज -2025 *
वास्तव में देखा जाय हिन्दूत्त्व के अनुसार सत्य सनातन धर्म की संस्कृति व मर्यादा की गरिमा को बनाये रखने में महाकुम्भ प्रयागराज अमृत स्नान का अध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्त्व रखता है। महाकुम्भ प्रयागराज 2025 अमृत स्नान धार्मिक अध्यात्मिक दिव्य व गहरी आस्था का प्रतीक है जो देवी देवगण महात्मन गन्दर्व ऋषिमुनी सन्त परम स्नेही भग्त जनों का शुभ एकत्रित पवित्र अमृत अनुभविक महात्मनों का महाकुम्भ स्नान है हमें भी प्रयागराज महाकुम्भ 28-1-2025 को 2-30 am पर अमृत-वेला में, पवित्र अमृत स्नान कर अध्यात्मिक दिव्य आनन्दमयी अनुभव प्राप्त करने का शुभ अवसर मिला ।
दास अनुदास रोहतास
These may be coming down divine Souls
What are the characteristics and divine experiences of the ultimate divine soul incarnated in Kaliyuga ?
Answer by Rohtas:---