Thursday, January 28, 2016
Friday, January 22, 2016
Monday, January 18, 2016
महाकाल प्रभू जी के दर्शन ध्यान में
महाकाल प्रभू जी के दर्शन
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महाकाल प्रभू जी की असीम कृपा से ध्यान में २-३० स्वेरे १५-१-२०१६ को जब हम ध्यान की मुद्रा मे बैठे थे महाकाल प्रभूजी के internal divine universe में अन्तर्मुख होते हुए बहुत ही अद्धबुत दर्शन हुए। हम अवलोकन कर रहे हैं कि कुछ रूहें (जिवात्माऐं) लाइन में खडी हैं और बारी-बारी सामने बहुत गहरे cave स्थान पर बैठे महाकाल प्रभू जी जिनका काले रंग का चमकीला शरीर है में प्रवेष कर रहे हैं और स्वेंय automatically बाहर आ- जा रही हैं बहुत अद्धभुत देखने में अति सुन्दर, क्या सुन्दर दिव्य लीला भगवान ने अवलोकन करवाई हमने जीवन में एसी कल्पना भी न की होगी जिसे हम एक चित्र के दू्ारा निचे दर्शाने की कोशिस कर रहे हैं
ध्यान रहे, यह " चेतन्न्य महाप्रभु जी हैं " जो काले कसौटी जैसे अति पवित्र शरीर जो दिखाई भी नही देता निरविकार स्याकाला चमकीला कांच के समान पारदर्शी यह देव अधिदेव हैं केवल देवता ही अवलोकान करने की शक्ति रखते हैं यह पूर्ण चेतन्न्य हैं। यहां पर केवल पवित्र जिवात्माओं का ही आवागमन होता है हमें अपने "कारण" शरीर से जो चेतनमय शरीर है महाकाल प्रभू के पास जाने का शुभ अवसर मिला है तभी मालिक की यह विशेष दुर्लभ कृपा हुइ है।
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महाकाल प्रभू जी की असीम कृपा से ध्यान में २-३० स्वेरे १५-१-२०१६ को जब हम ध्यान की मुद्रा मे बैठे थे महाकाल प्रभूजी के internal divine universe में अन्तर्मुख होते हुए बहुत ही अद्धबुत दर्शन हुए। हम अवलोकन कर रहे हैं कि कुछ रूहें (जिवात्माऐं) लाइन में खडी हैं और बारी-बारी सामने बहुत गहरे cave स्थान पर बैठे महाकाल प्रभू जी जिनका काले रंग का चमकीला शरीर है में प्रवेष कर रहे हैं और स्वेंय automatically बाहर आ- जा रही हैं बहुत अद्धभुत देखने में अति सुन्दर, क्या सुन्दर दिव्य लीला भगवान ने अवलोकन करवाई हमने जीवन में एसी कल्पना भी न की होगी जिसे हम एक चित्र के दू्ारा निचे दर्शाने की कोशिस कर रहे हैं
ध्यान रहे, यह " चेतन्न्य महाप्रभु जी हैं " जो काले कसौटी जैसे अति पवित्र शरीर जो दिखाई भी नही देता निरविकार स्याकाला चमकीला कांच के समान पारदर्शी यह देव अधिदेव हैं केवल देवता ही अवलोकान करने की शक्ति रखते हैं यह पूर्ण चेतन्न्य हैं। यहां पर केवल पवित्र जिवात्माओं का ही आवागमन होता है हमें अपने "कारण" शरीर से जो चेतनमय शरीर है महाकाल प्रभू के पास जाने का शुभ अवसर मिला है तभी मालिक की यह विशेष दुर्लभ कृपा हुइ है।
दास अनुदास रोहतास
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