Que :------स्वर्ग व नर्क की परिकल्पना क्या है ?
By Aventika Tripathi...
Ans:----- Rohtas...
नमस्ते जी,
वैसे तो यह ध्यानयोग द्वारा व्यकतिगत परिकाल्पनिक अनुभव का विषय है which can realized only in inner divine universe during meditation फिर भी स्वर्ग में विशेष रूप से कुछ मुख्य पुन्य दिव्य जिवात्माएं, सुक्षम शरीर से परमानन्दित व सुरक्षित रहती हैं। यहां का स्वामित्व इन्द्र देवता के पास है।
By Aventika Tripathi...
Ans:----- Rohtas...
नमस्ते जी,
वैसे तो यह ध्यानयोग द्वारा व्यकतिगत परिकाल्पनिक अनुभव का विषय है which can realized only in inner divine universe during meditation फिर भी स्वर्ग में विशेष रूप से कुछ मुख्य पुन्य दिव्य जिवात्माएं, सुक्षम शरीर से परमानन्दित व सुरक्षित रहती हैं। यहां का स्वामित्व इन्द्र देवता के पास है।
योगमायाकृपानुसार , जबकि नर्क लोक में अपनें कर्मों अनुसार पुन्ह: जन्म पाने के लिये जिवात्माएं अति miner new born baby just like of a Sparrow, प्यूपा, अति सूक्षम न्यू बोर्न चिडिया के बच्चे के रूप में लम्बी कतारों में पडी हुई बिलखतीं रहती हैं और समय आने पर मृत्यु लोक में कुछ समय के लिये शरीर धारण करने हेतू भेज दिया जाता है और इन जीवों के आवागमन की क्रिया का प्रवाह यूं ही इस सृ्स्टि में, संसार में, " जिसे मृत्यू लोक के नाम से भी जाना जाता हैं " चलता आ रहा है।
दास अनुदास रोहतास
दास अनुदास रोहतास
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