Supreme Atom Avatar
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जय श्री कृष्णा
वैसे तो भगवान ने हर युग में किसी न किसी आदि शक्ति को लेकर इस सुन्दर सृष्टि में इस अद्धभुत पवित्र धरा पर दिव्य आदि शक्ति सहित अपनी पात्रता अनुरूप किसी न किसी प्राणी का शरीर धारण किया है ! सत्युग में धर्मावतार के रूप में, त्रेता युग में प्रसोत्तम पुरुष के अवतार के रूप में, दवापर युग में परम अवतार के रूप में और अब वर्तमान युग जिसे कलयुग के नाम से जाना जाता है में भी ईश्वर की परम दिव्य आदि शक्ति ने अति सूक्षमं अणु के रूप में " Supreme Atom " के रूप में .become incarnate divinely अवतरित हो चुके हैं और, शरीर धारण किया हुआ है। वेसे तो Atom के बारे में हमने संक्षिप्त रूप में पीछे कुछ उल्लेख दिया हुआ है। हमने अपने जो अध्यात्मिक नोट लिखे है, वहां पर mostly Self Realization का जिकर किया है क्योंकि व्यक्तिगत अनुभव का होना अध्यात्मिक दृष्टि से बहुत जरूरी है। व्यक्तिगत अनुभव न होने से हम किसी के व्यक्तव पर विश्वास नहीं कर सकते। पूरे विश्व में हर परम स्नेही भग्तजनों की यही इच्छा रहती है कि हमे भी भगवान के दर्शन हों। लगता है अब भगवान ने दिव्य सूक्षमं अणु के रूप में हम सब प्राणियों के बीच में अवतार धारण किया हुआ है और अणु के आकार, रंग रूप के बारे में जो, जैसा भी, हमारे अनुभव में आया, वैसा जो हमने Scientifically, Spiritually and Divinely realized in Atom Activation In Space In I D U में अनुभव हुआ उसे हमने संक्षिप्त रूप से दर्शाने का प्रयास किया हुआ है। इसलिये कि भगवान अति सूक्षमं अणु के समान हैं जिनको अवलोकन करना इतना आसान नहीं है, और जो साधारण प्राणी की समझ व सूझ से बाहर का विषय है, हां केवल ईश्वर की विशेष कृपा होने पर उनके परम स्नेही भग्तजनों, लग्नेषू ,जिज्ञाषू , योगी, व अवतारी पुरुषों के अंतरमुखी होते हुए, चेतन अवस्था में जाकर मन, बुद्धी, ज्ञान व चेतनता के संयोग - वश अपने ज्ञानमय दिव्य चक्षुओं द्वारा ही, I D U में दिव्यता से अवलोकन करने का यह शुभ अवसर प्राप्त हो सकता है ।
Universal Truth
दास अनुदास रोहतास
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