Monday, April 20, 2020

Divine Shristi Chakra


                 Divine Shristi Chakra
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               Very nice Shristi Chakra realization in the presence of Nirakara, "The Almighty God" during meditation in divine I D U. We realised being Introvert this Shristi Chakra which was circulating Right & Left like a very beautifully Galaxy in internal divine Universe.

              If we watch it on the moving screen by making a video, then we will be very happy and have a Lot of joy and Peace.

" Is all creation created by The Almighty God shaken due to Corona-19 ?"

Special:---

                Being introvert during meditation We are experiencing a wonderful and beautiful divine Creation of Shristi Chakra, "As a Galaxy", which is circulating slowly, Systematically and automatically First Anti-Clok.Wise and the Clock Wise, around the Supreme Atom, which is stable like a centre-axle, at its divine celestial latitude, in the middest of our Bhirkuti In I D U. It is a very beautiful mind bending Divine Vising

      Universal Truth

    * Secular Spiritual Realization *


                    Das Anudas Rohtas

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अब प्रशन्न उठता है भगवान कैसा है क्या किसी ने अनुभव किया है ?


ऊत्तर में :------                                               
परम स्नेही भग्त जनों को,                                     .
                 सादर् प्रणाम ।
                                                                                    निवेदन है भगवान तो भगवान हैं, फिर भी उनकी कृपा होने पर उन्हें दर्शाने का प्रयास करते हैं :---                                             
                 प्रिय: राम स्नेही भग्त जनों जैसा कि हम सब जानते हैं, भगवान नित्य प्राप्त हैं और इस दिव्य, सुन्दर सृष्टि में, हर युग में समय समय पर हमारी इस पवित्र देव धरा पर वक्तानुसार ऋषि, मुनि, सन्त, योगी जन, अवतार होते आए हैं और अब भी महपुरुषों की कोई कमी नही है वो बात अलग है वह अपने आप को प्रकट करने में असमर्थ दिखाई दे रहे हों। उन सब में से शायद हम भी एक ऐसे तुछ प्राणी हो सकते हैं जिस पर भगवान की कृपा की कोई किरण विशेष पडने से हमें कुछ आप सबके सामने इस इमेज द्वारा अपना अनुभव दर्शाने का यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ हो । भग्त जनों दिव्य अनुभव सबका अपना अपना होता है। हमें अन्तर्मुख होते हुए जो अनुभव हुआ है वह आपको उपरोक्त इमेज में दर्शाया हुआ है इससे पहले भी हमने  अपने लेखों में दिव्य अनुभव दर्शाये है। इसमे सबसे पहले बहुत घहराई में जा कर सतलोक में जो अति पवित्र परम धाम है 1.  यहां पर हमने Dot सूक्षम बिन्द जो 100% साफ है को अनुभव कर रहे हैं जो बहुत बारीक एक हीरे की कणी के समान चमक रही है जो केवल अन्तर्मुखी हो, परम आत्म तत्व का सहारा पाकर, स्थिरप्रज्ञ होते हुए, मन की दिव्य आखों से अनुभव किया जा सकता है। यह हमारे शरीर के बाल की नोक से भी हजार- गुणा बारीक Atom होता है! यही Supreme God है। 2. साथ मे हल्कि गुलाबी परम ज्योतीस्वरूप भगवान हैं जो Supreme God का सूक्षम शरीर है, परम शक्ति है, परम ईश्वर है। 3. भगवान जब सृष्टि की रचना करना चाहते हैं तो साथ में जो हल्की पीली दिव्य ज्योत दिखाई दे रही है जिसे हम बचपन से अर्थात 55 साल से अनुभव करते आ रहे हैं।  Formated God है को same अपने जैसा same Virtues, same powers देकर इस परभ ज्योत की रचना को रचते हैं (created)। जिसकी रचना वो अपने में से बिल्कुल हूबहु अपने जैसी दिव्य रचना रचते है। जैसा हमने पहले अपने कई पेेेेेेेेजों में भी दर्शाया हुआ है। भगवान अपनी त्रीगुणी माया द्वारा त्रीमर्ती, त्रीदेव भगवान की रचना रचते हैं जो आगे चलकर इस सुन्दर सृष्टि मे, " सत्तोगुणी ब्रह्म-रूप सृष्टि रचिता शक्ति " द्वारा इस अद्धभुत संसार की रचना रचते हैं । अत: इस प्रकार हम जो कुछ भी दिव्य अनुभव कर रहे हैं, चाहे वह अन्तर्मुख होकर है चाहे भौतिक् दृष्टि से है यह सब भगवान की ही तो मााया है। 
       परम स्नेही भग्तजनों यह सब व्यक्तिगत अनुभव की लीला है जिसको जैसा अनुभव हुआ अपना अपना अनुभव इस संसार की यात्रा पूरी होने पर अपने पीछे लिखकर छोड जाते हैं। कोई किसी को प्रदर्शित नहीं कर सकता है। यह कृपा तो किसी विशेष जीव पर युग-युगान्तर के बाद होती है। हमें यह अनमोल जीवन as a God gift मिला है इसे वृथा न गंवा कर हमें जितना भी हो सके मालिक की नाम, जप, भग्ति, बन्दगी कर, सिमरन, उससे प्रेम करने में और अध्यातमिकता में ही लगाते हुए उस परम पिता प्रमात्मा " Narayana " की भली भांती खोज करनी चाहिये और समस्त जीवन मालिक के श्री चर्णों में समर्पित हो, उसकी शरण में जा, परमानन्दित हो, परम -शान्ती को प्राप्त कर, परमधाम को प्राप्त होना चाहिये, जो हमारा जीवन जीने का एकमात्र लक्ष है।
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                  आजकल ध्यान अवस्था में आन्तरिक दिव्य ब्रह्मांड में उलका पिंड meteorites बहुत टूटते हुए अनुभव हो रहे हैं 3-10 am पर कुछ मिन्ट के लिये तो उल्का पिंडों की वर्षा कैसा लग रहा था। व एक जगह से दूसरी जगह जाते नजर आ रहे हैं जब यह इकट्ठे टूट कर जाते हैं और भी सुन्दर लगते हैं अर्थात उपग्रहों में हलचल अनुभव करने को मिल रही है 2-15 am on 27-4-20

 * Meteorites Rain *


ॐ  शान्ती  ॐ
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A Biginingless and Endless divine Flow of Creation of Shristes in Shristi At 11-00 pm on 1-5-2020




                               दास अनुदास रोहतास

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