GOD
The Adhi God
Appearience of "Lord God" in India
प्रिय: परम स्नेहि भग्तजनों सादर प्रणाम!
भगवान तो कभी के अपने बहुत सुन्दर, मोहिनी, अति प्रिय:, दिव्य, साकार रूप, "मानूषं-रूपं" form में साक्षात् इस पवित्र, अद्धभुत धरा पर, हम सबके बीच में अपनी दिव्य नारायणी देह से इस सुन्दर सृष्टि में प्रकट हो चुके हैं। अब कौन विश्वास करे, because, It is the Matter of Self Realization only, यह तो व्यक्तिगत अनुभव का विषय है।
" जिन खोजा तिन पाया गहरे पानी पैठ।"
आओ हम सब उस परमपद्ध नारायण, परमपिता प्रमात्मा की अनन्य भग्ति कर, उसको समर्पित होते हुए, उसकी भलीभांती खोज कर उसकी शरण में जाएं, जहां से इस विश्व का आदि अंत और मध्य और इस सृष्टि की रचना का आदि, अद्धभूत, Divine Flow प्रवाह हो रहा है और उस परमपिता प्रमात्मा के दिव्य आनन्दमयि व शान्तिमय परम धाम को प्राप्त हो उसकी दिव्य शरण में जाएं, जहां पर पहुंच कर योग होने पर, फिर कोई भी * पुरुष * (आत्म तत्व) इस मृत्युलोक में दुबारा वापिस नहीं आता।
जय श्री कृष्णा जय श्री राम
दास अनुदास रोहतास
The Adhi God
Appearience of "Lord God" in India
ॐ नमों भगवत्ते श्री वासुदेवाय:
प्रिय: परम स्नेहि भग्तजनों सादर प्रणाम!
भगवान तो कभी के अपने बहुत सुन्दर, मोहिनी, अति प्रिय:, दिव्य, साकार रूप, "मानूषं-रूपं" form में साक्षात् इस पवित्र, अद्धभुत धरा पर, हम सबके बीच में अपनी दिव्य नारायणी देह से इस सुन्दर सृष्टि में प्रकट हो चुके हैं। अब कौन विश्वास करे, because, It is the Matter of Self Realization only, यह तो व्यक्तिगत अनुभव का विषय है।
" जिन खोजा तिन पाया गहरे पानी पैठ।"
आओ हम सब उस परमपद्ध नारायण, परमपिता प्रमात्मा की अनन्य भग्ति कर, उसको समर्पित होते हुए, उसकी भलीभांती खोज कर उसकी शरण में जाएं, जहां से इस विश्व का आदि अंत और मध्य और इस सृष्टि की रचना का आदि, अद्धभूत, Divine Flow प्रवाह हो रहा है और उस परमपिता प्रमात्मा के दिव्य आनन्दमयि व शान्तिमय परम धाम को प्राप्त हो उसकी दिव्य शरण में जाएं, जहां पर पहुंच कर योग होने पर, फिर कोई भी * पुरुष * (आत्म तत्व) इस मृत्युलोक में दुबारा वापिस नहीं आता।
जय श्री कृष्णा जय श्री राम
दास अनुदास रोहतास
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