Wednesday, December 23, 2015

सूक्षम से अनेक सूक्षमों का प्रकट होना

                    सूक्षम से अनेक सूक्षम प्रकट होना
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                 मालिक की कृपा होने पर जब कृपा पात्र ध्यान की मुद्रा में होते हैं सूक्षम बिन्द् , परम तत्व, जो कि दिव्य परम शक्ति होती है, अन्तर्मुख होते हुए, Internal Divine Universe में, एक से अनेक दिव्य तत्व  Divine -  Dot प्रकट होते हुए अवलोकन कर सकते हैं जो मालिक कि विशेष दिव्य क्रिया है जो युग युगान्तर के बाद विशेष समय मे विशेष परम भग्त को बिशेष कृपा होने पर प्रकट होती है जैसा कि निचे दिये गये चित्र में दर्शाया गया है। यह 2-10 am, 23 Desember, 2015 का अनुभव हुआ। यही दिव्य सूक्षम तत्त्व से अनेक दिव्य सूक्षम तत्व का प्रकट होना  ही है जो क्रिया त्रेता युग में पुरुषोत्तम अवतार श्री राम जी के समय व अन्य मायावी व महापुरुषों दू्ारा इस दिव्य क्रिया शक्ति का प्रयाग हुआ तथा दू्ापरयुग में परम अवतार श्री कृष्णा जी, जो उस समय के विशेष परम तत्व के अवतार (मालिक) थे और आज भी हैं तथा अपनी माया दू्ारा , इस क्रिया का सद्-उपयोग कर घर- घर में प्रकट हो दिव्य लीला अवलोकन करवा सभी गोप गोपनियों एवं अपने परम भग्तों पर विशेष कृपा कर दिव्य अध्यात्मिक ज्ञान की अनुभूती करवाई, घर घर में कनैया अपनी दिव्य माया शक्ति से नजर आये, वह यही दिव्य तत्व क्रिया दू्ारा की गई अनुभूति थी। हो सकता है अब भी इस विशेष एक तत्व से अनेक तत्व में कही प्रकट होने की क्रिया की आवश्यकता पडती हो, क्योंकि भगवान ने अवतार धारण कर लिया है और वह अपने वास्तविक साकार रूप में प्रकट हो भी चुके हैं।
अध्यात्मिक सत्य:-


                        दास अनुदास रोहतास

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