Sunday, December 1, 2024

सादर प्रणाम् जी

.                   👏 * सादर प्रणाम् जी *


Das Anudas Rohtas


Monday, September 30, 2024

* Origin of Shristi to Qayamat *

Jai Shree Krishna  Jai Shree Ram   

* Is it Qayamat ? *

" From the origin of the Shristi
 to Doomsday "

😭


   ॐ तत्त् सत्त्

 

जय श्री कृष्ण 


 It may be Black Hole
!


Das Anudas Rohtas 




राजा परिक्षित - महाकाल प्रभू शनिदेव, कलयुग में

 .                      👏 ॐ तत्त् सत् 🇮🇳



राजा परिक्षित् - महाकाल प्रभू शनिदेव in कलयुगे:

       यदा  यदा  हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।

      अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।

      परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दष्कृताम् ।

      धर्मसंस्थापनार्थाय   सम्भवामि  युगे  युगे ।।


आदरणीय परम स्नेही भग्त जनों, 

 👏 सादर प्रणाम् 

                    सभि महानुभाव, महापुरुष, दिव्यपुरुष, बुद्धजिवी, महात्मन और योगी पुरुष, आप सब, आध्यात्मिकता अनुसार भली भान्ती अच्छे से परिचित हैं कि 5000 साल पहले महाभारत काल के समय से भी पहले, देवी सत्यवति और ऋषि पाराशर के प्रेम अनुराग से पुत्र ऋषिवर वेद ब्यास जी उत्तपन्न हुए थे, जिनकी कृपा दृष्टि से देवी अम्बे अम्बिके से *राजा धृतराष्ट्र* पाडंव और विधुर के वंशज हुए। आगे चल कर पांडव के पांच पुत्र हुए जिनमें तीसरे नं का कुंती पुत्र धनुर्धारी अर्जुन पैदा हुए। और आगे चल कर अर्जुन का बहादुर पुत्र अभिमन्यु हुए जो महाभारत के समय वीरगति को प्राप्त हुए। और फिर समय रहते ही अभिमन्यु के पुत्र परिक्षित हुए जो एक तेजस्वी राजा हुए जो राजा परिक्षित के नाम से सर्वश्रेष्ठ धर्माचार्य राजा के नाम से विख्यात हुए। बाद में सुना है कलयुग का प्रभाव छाने लगा। महाकाल के रूप में शनिदेव प्रकट हुए और यह राज सिंहासन शनिदेव ने सम्भाल लीया और उस वक्त से कल युग का पहर आरम्भ हो गया। राजा परिक्षित का पुत्र हुआ "जन्मेज्या" और फिर तब से लेकर आज तक यह जन्म मरण का चक्र यूं ही चला आ रहा है।

     * यहां रुहानी discussion हो रहा है अनुभव की       पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं वह पुस्तकों और   विश्वविद्यालयों में नहीं मिलते। *

                In the divine memories of true devotes of God now we want to repeate some divine Experiences अब हम यहां अपने कुछ अध्यात्मिक दिव्य अनुभव आप सबके बीच में आध्यात्मिकता से जो दिव्य पात्र हैं का, हमें जो दिव्य अनुभव ध्यान अवस्था के दोरान अनुभव हुए, सांझा करना चाहते हैं। जो बिल्कुल स्पस्ट है जो हमें एक बार सतसंग के बीच मे ध्यान में बैठे clearly अनुभव हुए थे। जो शुद्ध सोने से निर्मित दिव्य ताज - पोस महाभारत के बाद राजा परिक्षित ने शनि देव की महादशा आने पर, प्रभू महाकाल शनिदेव को शोंप दिये थे और स्वयं गहन तपस्या करने हेतू भग्ति करने हेतू पवित्र तीर्थ शुक्रताल को प्रस्थान कर गये थे। अब वह सभी, काले घोडे की कटी हुई गर्दन, जो स्वर्ण ताज पोषी से विभुषित थी, और अन्य स्वर्ण आभूषण, स्वर्ण मुकुट आदि हमारे को ध्यान के समय देने लगे, तो हमने कहा, इनको छोडो अब इनकी आवश्यकता नहीं। यह सब प्रभू कृपा के होते, एक दिव्य लीला के वशीभूत हो रहा है। It happened divinely. It's divine realization during meditation. Yet it is the matter of self realization and no one can not show to others. Its all depends on the automaticaly systematiculy & diviniely rules of lord god on Holy Earth in this beautiful Shristi. लगता है भगवान ईष्वर अब जहां से दवापर युग में दिव्य लीला छोडी थी तदनुसार वहीं से ही शुरु करना चाहते हैं। लगता है इस अद्धभुत् दिव्य अनुभवी संसार में, दिव्यता यहीं-कहीं पर हम सबमें में से किसी न किसी के पास हो सकती है। और 1990 से दिव्य समय चल रहा है। भगवान ने अवतार धारण किया हुआ है जो विष्व की इस 7-8 अरब आबादी में से कोई भी सुलझा हुआ दिव्य व्यक्तित्व, महान, भद्रपुरुष, हो सकता हैं। युग परवर्तन का समय है हम सबको परम - ईष्वर की भग्ति अवश्य करनी चाहिये। जो एक मानव का परम धर्म है और मानव होने के नाते हमारा परम उद्देश्य भी है।

   Secular Spiritual Divine Knowledge

               रचा है सृष्टि को जिस प्रभू ने वही.......

                             दास अनुदास रोहतास

Tuesday, September 24, 2024

Latest Divine Realization during meditation

             Latest divine Realization

                  Moving east to west

.  

             Latest Divine Realization 


Das Anudas Rohtas


Saturday, August 31, 2024

🙏 In Search of Truth 🙏

   


                     In Search of Truth


No doubt there has been going to efforted on both side factors spiritually and physicaly in search of Truth in this besutiful Shristi.



Wednesday, August 28, 2024

Creation of the Shristi 🇮🇳

           * Creation of the Shristi *

First of all there had been churened the Atom and then Atom activation and then creats Galaxy in Universe and then Planets and Setlites and  then all kinds of creatures in this beautiful Shristi and on other's planet and on this beautiful holy Earth. Divine realization during meditation in IDU v clearly.

                             *  Light *


                      Churned of Atom


* Galaxy *



  Realization during meditation, Shristi is Cilent, only some light is realizing here as light-Loka, at 2-30 am, on 10-10-24 in IDU

  " Cilent-to-Cilent "      


Das Anudas Rohtas

Saturday, August 17, 2024

Is There Alien ?

                        * Alien *

                          means

                  "  All  in  one  "

            It is the matter of self realization and no one can show to other. Alien means all in one divine powers. Alien can be realized spiritually in inner divine world with there Suksham divine body's, and virtuous divine body & related to five elements of nature and mind-knowledge and divine powers and the divine body, composed of the natural soul. and physically in outer wonderful world on this Holy Earth divinely, in this beautiful Shristi. Who appeare for few moments and then just disappeare. It is also capable of changing its form. Aliens have very powerful divine third Eye in their Suksham divine body. In one moment they can destroyed one planet. These are the second form of lord God.



                  * Grace of God is first *


          Das Anudas Rohtas



Tuesday, July 9, 2024

* GOD *

                                " God "



🙏
🙏🙏



God is god no one can be God


                                Das Anudas Rohtas




                



Monday, June 24, 2024

Incarnation of " Lord God "

                         "Lord God"

           Bhagwan Ki Bhuran Bal Leela

                * Om Namo Narayana *

Latest beautiful Divine Leela Dershan of Today realized by Rohtas at 9-15 am, on 24-6-2024 in internal Divine Universe giving below..

1.   यह बहुत सुन्दर अद्धभुत दिव्य भ्रुण जो 100 %  pure white just like brilliant star बहुत चमकदार जो काफी समय तक अनुभव में आया जो भगवान का दिव्य चेत्त्न्यमय सूक्ष्म शरीर हो सकता है बिल्कुल साफ दर्शन हैं जो एक इमेझ के माध्यम से दर्शाया गया।


2  लगातार चेन्ज अवस्था। अब रंग फेड हुआ और इसके चारों ओर बहुत बारिक stars का समूह नजर आ रहा है


3.  अब यहां बिल्कुल dark black colour है। यह            बहुत सुन्दर साफ ध्यान की अवस्था का अनुभव है
                         

Supreme Yog



           दास अनुदास रोहतास



Wednesday, March 13, 2024

🌿 Lord Vishnu's Avatar Rohtas 🌿

                       * Incarnation of *

      🌼 Lord Vishnu's Avatar Rohtas 🏵



 Question:--     What is the Joy of God   presence ?
 प्रशन्न:--   भगवान की उपस्थिति के अनुभव का आनन्द   कैसा है ?

                     रचा है सृष्टि को जिस प्रभू ने,

                     वही  यह  सृष्टि  चला  रहे  हैं

  उत्तर:----     अनुभव की पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं वह पुस्तकों और विष्वविद्धालयों में नहीं मिलते। यहां अनुभव के आधार पर दिव्य रूहानी discussion हो रहा है 

 वैसे तो यह व्यक्तिगत अनुभव का विषय है फिर भी चलो प्रकाश डाल......

              पीछे हमने भगवान को समझने को लेकर और कुछ व्यक्तिगत दिव्य अनुभवों को लेकर उन पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। कुछ भगवान के दिव्य रूपों को दर्शाने का भी प्रयास किया गया है।

             आज का हमारा ध्येय विष्य भी कुछ ऐसा ही दिव्य अनुभवों से सम्बन्दित है कि भगवान कैसे है, कैसे प्रकट होते हैं.... भगवान हैं क्या ?

              In our divine realization first of all Atom become churned and then it becomes stable at its own divine celestial latitude 

              अर्थात हमारी दिव्य अनुभूति में सबसे पहले परमाणु दिव्य मंथन हुआ है फिर अणु प्रकट होते हुए अनुभव हुआ, जो अपने दिव्य आकाशीय अक्षांश पर क्षण भर के लिये स्थिर हो जाता है 

               पीछे हमने ruhani discussion में भगवान के दिव्य रूपों को दर्शाने का प्रयास किया जो ध्यान की अवस्था में हमे अनभुव हुए। जिसका वर्णन ब्रह्मसंहिता 5-33 में आया है।

             "अद्व-वैत्त्तम उच्चतम अनादिम् अनंत रूपं ब्रह्मसंहिता-5-33 " 

 यहां भगवान के समस्त दिव्य रूपों का वर्णन है जो क्रमष: एक सूत्र में पिरोये हुए सभी सुशोभित हो रहे हैं, जिनमें से कुछ को हमने यहां दर्शाने का प्रयास किया है।

               आज का हमारा ध्येय विषय है हमारे परम ईष्टदेव, भगवान कहां हैं, कैसे हैं, इसी दिव्य विषय पर discussion होगा। First of all Grace of god is very compulsory

                     ------------------------

                       * आज का ध्यान *

             आज का धयान 3-15 am, on 12-4-24.      ध्यान बहुत सुन्दर है। दिव्य है। और हो भी क्यों नहीं ! जिनका ध्यान है वह भी तो अति सुन्दर हैं। ध्यान में समस्त ब्रह्मांड, समस्त space, समस्त सृष्टियां, समस्त चेतन-तत्व, प्रकाश रूपी समस्त तत्व, जो हमें as a Flames के रूप में दिखाई दे रहा है *उधारण के तौर पर* जैसा कि 15 दिन की continues बारिस के बाद बादलों की घनघोर घटा के छटने के बाद शाम के साफ मौसम में सफेद हल्की फुलकी, चेत्तन तत्व से बनी, दिव्य प्रकाश रूपी, रूई जैसी दिखने वाली, सफेद बदरिया के समान, आसमान में बादलों के नीचे जो हलके सफेद रंग में तेजी से दौडती नजर आती है, जो दिव्य आत्म तत्व के " प्रा-रूप " के समान हैं, Atom activation के मंथन के बाद "अति सूक्षम " दिखाई देने वाला " दिव्य अणु-Atom " ही शेष है " appeared as a Supreme Divine Atom ही center point of the power है। यही सुपरिम आत्म तत्व है Dot है, Supreme Atom - सूक्ष्म अणु- के समान है, जो क्षणमात्र के लिये stable होने पर अपने दिव्य अक्षांश पर स्थाई रूप से स्थिर हो जाता है...." यही शेष है, यही विशेष है, और यही महेष है। ".... वैसे तो परम तत्व 24 घंटे हर क्षण active रहता हैं! लेकिन stable होने पर कुछ क्षण के लिये प्रकट होने कि कृपा भी कर देते हैं। यही इस सुन्दर सृष्टि के मालिक हैं, और इस अद्धभुत दिव्य सृष्टि का परम आधार हैं और यही परमानन्द हैं, और यह ही सच्चिदानंद हैं।

                           * सारांश *

             ध्यान अवस्था में अनुभव होने पर यह भृकुटि में हमारे दिव्य  Holy space में, जो हमारे बाल की नोक के हजारवें हिस्से से भी बारीक नजर आता है, जो सूक्ष्म से सूक्ष्म अणु के समान होता है, जो एक चमकिली Diamond की कणी के समान, हमारे दिव्य IDU में अनुभव में आता है। "Divinity" दिव्यत्ता इसकी विशेषता है। बस यही हमारे भगवान हैं, यही ईश्वर हैं, यही The God, Supreme God हैं, जो सुपरीम सृष्टि में, और समस्त सुक्ष्म सृष्टियों में रहते हुए, इन सभी सृष्टियों का मूल आधार है, ईश्चर हैं, सबके मालिक है। एक ओंकार है। यही परमानन्द है। यही सच्चिदानंद महा प्रभू हैं।

                                       दास अनुदास रोहतास

                               

                        Supreme Atom


Supreme Atom's Activation



Supreme Atom's Power (GOD's Power)


🌼🌿 Lord Vishnu's Avatar Rohtas 🌿🌼


  🌼 Atom Activation 🌼

                 Atom activation realized by Atom's Avatar Rohtas at 2-30 am, on 12-3-2024,   in I D U

                Here Atom become churned in IDU divinely, then atom is stabled


       Supreme Atom's Avatar Rohtas


   

Tuesday, February 27, 2024

You are welcomed in Spirituality

                           सादर प्रणाम् जी

  We should Surrendere to God ourselves                in the honour of Humanity


Chaitanyamaya Lord Ishwer's Avatar Rohtas meaning:---

Chaitan+Maya+Lord Ishwer+Avatar Rohtas

                          🌼 प्रार्थना 🌼



🌼 Let us Prey To God 🌼

          Respected true devotees of God, please come all together in this holy ruhani discussion and let us pray to god, through a sweet song

🌸 Prayer to God 🌸


* Existence of God *

भगवान कहां है, कैसे हैं भगवान, क्या भगवान हैं ?  ***********

             हम पहले ही इस विषय पर काफी discuss कर चुके हैं कि सृष्टि पुरुष+प्रकृति के मेल से बनी है। अब भगवान कहां रहते हैं इस विषय पर हम आप सबके साथ मिलकर प्रकाश डालने का प्रयास कर लेते हैं!                                                                          
" यहां पर रूहानी discussion हो रहा है। अनुभव की पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं वह पुस्तकों और विश्वविद्यालयों में नहीं मिलते "

       भगवान तो नित्य प्राप्त हैं and is the matter of self realization. यह हमें अच्छी तरह से समझ लेना होगा, फिर ही हम अपने ध्येय विषय की ओर आगे बढ सकते हैं।  प्रकृति के पांच तत्व हैं आकास, जल, वायु,  अग्नि, पृथ्वि और इनसे सम्बन्धित उत्त्पन्न गुण, काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, मन, बुद्धि, और ज्ञान। इनसे भी परेह जो इनके स्वभाविक गुण सुक्ष्म व दिव्य सम्भावित एहसास जैसा कि स्पर्ष, सुगन्ध, आनन्द, टेस्ट, सुनना, दिखना, भाव आदि। इन सबसे स्वतन्त्र होते हुए, Without any Attachment of mind अर्थात् मन से भी परेह जो " शेष " बचता है ऐसे में एक अणु, Atom के समान "आत्म तत्व" जो हमारे शरीर के एक बाल की नोक के 1000 वे गुणा से भी बारीक हिस्से के समान, जो केवल मन की दिव्य नेत्रों द्वारा ही अनुभव हो सकता है। after being Introverted we can realized Supreme Divine Atom into our Bhircuti's center point of Divine-Power-Viveka, with divine eyes "Chatten-Tatav"  by deep meditation being consciousness and Stablity of mind इन सबसे परेह जो परम तत्व, आत्म तत्व, अणु जो एक Brillient diamond की बारीक कण की तरह Just like a Brilliant Star in I.D.U. चमकने वाला दिव्य परम तत्व अनुभव में आता है। यही हमारे भगवान हो सकते हैं Divinity केवल इनके पास है। यह अमर हैं अजर हैं immortal हैं और क्षण भंगुर हैं यह हमारे भगवान हैं। भगवान हैं तो हम हैं, यह संसार है, यह सुन्दर सृष्टि है। भगवान हमारा अश्तित्व है। हमारे मूल आधार हैं। We should believe and surround to God himself and love to God   
   


                                                  
                        दास अनुदास रोहतास

                                              

Wednesday, January 31, 2024

🌴💐🌾 Digital Avatar Rohtas In Divinity in this Beautiful Shristi 🌾💐🌴

Rohtas Kanwar: Is Digital Avatar in Divinity, in this Beautiful Shristi
      Shristi:---   0 + .1  

      " Sutra =--  0  - .1 "

        Silent = -- 0.... 0..

   🌿 Means:-   0 + .1   Consciousness 🌿


Shristi realized in Nobe of a Hair.  


We realized during meditation in Atom activation " cause-micro & macro " divine bodies of God in I.D.U.
--------------

* Stir in Stary Night Sky *


**********

New Baby Water Volcano appeared


* प्रार्थना *


Chaitanyamaya Ishwer's Avatar Rohtas   


Tuesday, January 2, 2024

You are welcomed in Spirituality

      * You are welcomed in Spirituality *


Experienced of full divine light of good morning during meditation in internal divine universe at 2-00 am on 12-1-24
A Grace of God


🙏 Om Namo Narayana 🙏


Shristi Chakra rotating through Divine Power Viveka


Grace of God
Creater & Destroyer Viveka Chakra of the Holy Shristi

 

          Full Grace of God
          --------------
O' .3 Ozone's Layers may by upset


Chaitanyamaya Ishwer's Avatar Rohtas